12th Fail Book Summary & PDF Download In Hindi
नमस्कार दोस्तों ! आज की इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम आपको 12th Fail Book PDF Download करने का डायरेक्ट लिंक अपनी इस पोस्ट में देने वाले हैं। यह 12th Fail Book एक 12वीं फेल लड़के के एक IPS Officer बनने के सफर में उसके संघर्ष, दृढ़ता और कभी हार न मानने की प्रवृत्ति पर आधारित है। 12th Fail Book PDF Download करने का डायरेक्ट लिंक आगे पोस्ट में दिया गया है जिस पर क्लिक कर आप 12th Fail Book PDF को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
12वीं फेल बुक हिंदी में (12th Fail Book In Hindi)
यह 12th Fail Book आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित एक वास्तविक कहानी है। इस 12th Fail Book के लेखक अनुराग पाठक हैं। इस कहानी में मनोज कुमार शर्मा अपनी 12वीं की परीक्षा में फेल हो जाते हैं और फिर अंततः अनेक विपरीत परिस्थितियों और मुसीबतों के साथ संघर्ष करते हुए अपने एक IPS Officer बनने के सपने को साकार करते हैं।
मनोज कुमार शर्मा की इस 12th Fail Book से हमें यह सीख मिलती है कि हमारे सामने परिस्थितियां चाहें कितनी भी मुश्किल क्यों न हों, यदि हम कुछ करने या बनने की ठान लें तो हमारे लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
12वीं फेल बुक सारांश हिंदी में (12th Fail Book Summary In Hindi)
यह कहानी मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव बिलग्राम में रहने वाले एक लड़के मनोज शर्मा की है। जिसका दोस्त विष्णु पढ़ने में बहुत ही अच्छा है और कक्षा में हमेशा प्रथम स्थान पर आता है। जिस कारण विष्णु के पिता जी पूरे गाँव में विष्णु की तो तारीफ करते हैं लेकिन मनोज को हमेशा ताना ही मारते हैं। जिस स्कूल में मनोज और विष्णु पढ़ते हैं, अक्सर उसमें चीटिंग होती है और अधिकतर बच्चों की तरह मनोज भी चीटिंग के भरोसे ही पास होता है। इस साल भी स्कूल में 12वीं की परीक्षा होनी हैं, जहां सभी बच्चे मेहनत से परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं, वहीं मनोज तो इस बार भी चीटिंग के भरोसे था।
12वीं की परीक्षाएं शुरू हो गईं और पहला पेपर मैथ का था। पहले पेपर में चीटिंग के दौरान एसडीएम राघविंद्र सिंह चेकिंग के लिए स्कूल में आ जाते हैं, जिससे सारी चीटिंग बंद हो जाती हैं। चीटिंग बंद हो जाने के कारण मनोज का कोई भी पेपर अच्छा नहीं हो पाता है।
परीक्षाएं खत्म हो जाने पश्चात् गाँव में एक क्रिकेट मैच आयोजित किया जाता है, जिसके चीफ गेस्ट एसडीएम राघविन्द्र सिंह थे। मैच में प्रतिभाग करने के लिए प्रत्येक सदस्य को 10 रूपये देने थे, लेकिन गरीबी के कारण मनोज 10 रुपए का इन्तेजाम नही कर पाता है, जिस कारण वह मैच में हिस्सा नही ले पाता है। लेकिन मनोज उस मैच में कमेन्ट्री करता है, जो एसडीएम रघविन्द्र सिंह को काफी पसंद आती है और वह मनोज की प्रसंशा भी करते हैं, जिसे सुनकर मनोज बहुत खुश होता है।
देखते ही देखते 12वीं के रिजल्ट आ जाते हैं जिसमें मनोज फेल हो गया था। जब मनोज के चाचा मनोज के पिता को बताते है कि मनोज 12वीं में फेल हो गया है, तो मनोज के पिता इस बात पर ध्यान न देते हुए कहते हैं कि कोई बात नहीं, अगले साल पास हो जायेगा।
जब मनोज को रिजल्ट का पता चलता है, तो वह बहुत ही दुखी हो जाता है। मनोज के चाचा और विष्णु मनोज की बहुत बेज्जती करते हैं कि वह 12वीं में फेल हो गया है। कुछ समय बीत जाता है। एक दिन मनोज का बड़ा भाई फैसला करता है कि वो ऑटो चलाएगा और पैसा कमाएगा। मनोज भी पढ़ाई छोड़ ऑटो चलाने का फैसला करता है। मनोज के पिता उन्हें ऑटो के लिए पैसा नही देते हैं, तो उनकी माँ गहने बेचकर उन्हें पैसे देती है। जिससे दोनों भाई ऑटो चलाना शुरू कर देते हैं।
दोनों भाई अच्छी तरह ऑटो चलाने का काम कर रहे थे, तभी एक दिन दोनों को थाने में बुलाया जाता है और उन पर दिनेश नाम के एक व्यक्ति को धक्का मारने का झूठा आरोप लगाया जाता है। रात भर दोनों भाइयों को जेल में रखा जाता है और सुबह को दोनों को छोड़ दिया जाता है। यह बात वे अपनी माँ को बताते हैं और बहुत रोते हैं।
मनोज एसडीएम साहब को यह सब बात बताने का फैसला करता है और दोनों भाई एसडीएम ऑफिस जाते हैं। वहां मनोज को लगता है कि अगर मैंने यह बताया कि मैं पढ़ाई छोड़ ऑटो चलाने का काम रहा हूँ तो शायद एसडीएम साहब उसे डांटे। इसलिए वह पढ़ाई के सिलसिले में मिलने का प्रस्ताव रखता है। मनोज जब अंदर पहुंचता है तो देखता है कि दिनेश और वो पुलिस वाला वहाँ एक व्यक्ति के साथ थे जिस व्यक्ति को दिनेश गोली मारने के जुर्म में फ़साना चाहता था, लेकिन एसडीएम साहब उसका झूठ पकड़ लेते हैं।
जब मनोज की बारी आती है तो मनोज ऑटो के बजाय एसडीएम बनने के बारे में पूछता है, जिसका उत्तर एसडीएम साहब बहुत ही अच्छे से समझाते हुए देते हैं। मनोज अब एसडीएम बनने की सोचने लगता है। जब मनोज गाँव आकर लोगों को यह बताता है तो लोग उस पर हंसते हैं और विष्णु यह बात सुनकर कहता है कि 12वीं तो पास हुआ नहीं, अब IAS बनने चला। लेकिन मनोज का एक और दोस्त राकेश उसके साथ खड़ा होता है और उनका मनोबल भी बढ़ाता है।
मनोज 2 हजार रुपए लेकर पढ़ने के लिए ग्वालियर आ जाता है, जहाँ वह मनोज उसके चाचा के लड़के त्रिलोक और उसके एक दोस्त केशव के साथ ही रहने लगता है, जो बात केशव को अच्छी नहीं लगती है। जब एक दिन मनोज कहीं गया हुआ था तो वे दोनों रूम बंद कर गाँव चले जाते हैं। उसके पास सिर्फ 20 रूपये थे जिनसे वह एक दिन तो कुछ खा लेता है लेकिन उसके बाद वह 3 दिन तक भूखा ही रहता है। अब वह वहीं एक ढाबे वाले से कहता है कि वह उसे खाना खाने को दें, इसके बदले बर्तन वह ढाबे के बर्तन धोएगा।
इसके बाद मनोज IAS/ PCS की तैयारी करने के लिए पीलीकोठी जाता है, लेकिन पैसे की कमी होने के कारण वहां पढ़ाई नहीं कर पाता है। मनोज को वहीं पर एक लाइब्रेरी में काम मिल जाता है। एक दिन मनोज के मम्मी-पापा उससे मिलने आते हैं और उसको इस तरह देखकर उसकी मम्मी उसे 100 रुपए देती है, जिन पैसों की वजह से मनोज पर लाइब्रेरी में झूठा इल्जाम भी लगाया जाता है, जिस कारण मनोज उस काम को छोड़कर एक आटा चक्की में काम करने लगता है।
कुछ समय बाद पाण्डेय जी वहाँ आते हैं और मनोज की दयनीय दशा देखकर उसे पीलीकोठी में PCS की तैयारी करने के लिए ले जाते हैं। मनोज को वहां पर अंशु नाम की एक लड़की मिलती है, जो उसे अपना भाई मानती है। अंशु मनोज जॉब10 हजार रुपए देती है और कहती है कि वह दिल्ली जाकर UPSC की तैयारी करे।
मनोज और पाण्डेय जी दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर UPSC की तैयारी करने लगते हैं। मनोज अच्छे से पढ़ाई करता है, लेकिन पाण्डेय जी खुद को ज्यादा तेज समझते हैं और ठीक प्रकार पढ़ाई नही करते हैं। परिणाम यह होता है कि जब परीक्षा होती है तो मनोज कक्षा में प्रथम स्थान पर आता है, जिससे कक्षा के विद्यार्थी मनोज से बहुत प्रभावित होते हैं।
मनोज की मुलाकात एक श्रद्धा नाम की लड़की से होती है, जिसे देखते ही वह उसे पसंद करने लगता है और दोनों जल्दी ही अच्छे दोस्त भी बन जाते हैं, लेकिन मनोज श्रद्धा को नहीं बताता है कि वह उससे प्यार करता है। मनोज को पाण्डेय जी समझाते हैं कि वह यहां पढ़ाई करने आया है न की आशिकी करने। इसी बीच में मनोज का Pre-Exam भी पास हो जाता है।
पाण्डेय जी श्रद्धा को बता देते हैं कि मनोज 12th Fail है लेकिन श्रद्धा को कोई फर्क नही पड़ता है। जब पाण्डेय जी इंग्लिश की कोचिंग लेते हैं तो उन्हें भी एक लड़की से प्यार हो जाता है। कुछ दिन बाद श्रद्धा पढ़ाई करने के लिए अपने गाँव अल्मोड़ा चली जाती है। इधर मनोज का Mains का एग्जाम होता है जिसमें वह फेल हो जाता है। मनोज केवल श्रद्धा के बारे में ही सोच रहा था। उसकी हालत देखकर पाण्डेय जी उससे कहते हैं कि वह श्रद्धा के घर जाकर उससे मिल आए।
जब मनोज श्रद्धा के घर जाता है, तो श्रद्धा की मां उसे बताती हैं कि वह हरिद्वार गई है पढ़ने के लिए। मनोज डरते हुए उनसे श्रद्धा का नंबर लेता है और फ़ोन कर अपने दिल की सभी बातें उसे बता देता है, लेकिन श्रद्धा कहती हैं कि क्या तुम पागल हो गए हो ? मैं तुम्हें पढ़ने लिखने वाला एक अच्छा लड़का समझती हूं और कुछ नहीं। इससे मनोज का दिल ही टूट जाता है। श्रद्धा मनोज से कहती है कि फिलहाल वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और जब वह दिल्ली आएगी तो तुमसे मुलाकात होगी।
कुछ दिन बाद पाण्डेय जी को पता चलता है कि वह जिस लड़की को पसंद करते हैं, वह किसी और से प्यार करती है। इससे पाण्डेय जी का दिल टूट जाता है और वह बहुत रोते हैं। इधर श्रद्धा दिल्ली आ जाती है। मनोज और श्रद्धा दोनों एक साथ घूमते-फिरते हैं। यह सब बातें पाण्डेय जी को अच्छी नहीं लगती हैं और पाण्डेय जी और मनोज के बीच नोकझोंक हो जाती है तथा दोनों अलग हो जाते हैं।
मनोज का एक दोस्त अभिनाश PCS पास कर लेता है और जिसकी खुशी में वह एक पार्टी का रखता है, जिसमें वह सभी को बुलाता है। इस पार्टी में पाण्डेय जी भी आते हैं जो मनोज का मजाक बनाते हुए कहते हैं कि मैंने बोला था कि लड़की के प्यार में मत पड़ वरना परीक्षा में फेल हो जाएगा। तुमने तीन Attempt दिए और तीनों में फेल हो गए और अब तेरे पास केवल एक ही Attempt बचा है।
यह बात श्रद्धा को बहुत ही बुरी लगती है, वे दोनों पार्टी छोड़कर चले जाते हैं। श्रद्धा बहुत रोती है और मनोज को बताती है कि वह भी उसे पसंद करती है, लेकिन उसने मनोज को इसलिए नहीं बताया क्योंकि वह मनोज की पढ़ाई पर कोई असर नहीं डालना चाहती थी।
यह सुनने के बाद मानो मनोज पागल हो जाता है और ठान लेता है कि अब तो वह एग्जाम पास करके ही रहेगा। इसके बाद मनोज बहुत मेहनत करता है जिससे उसका प्री और मेंस एग्जाम भी पास हो जाता है और इसके बाद उसका इंटरव्यू भी हो जाता है। रिजल्ट वाले दिन बहुत भीड़ थी, सभी लोग अपना रिजल्ट देख रहे थे लेकिन मनोज को डर लग रहा था। श्रद्धा उसका रिजल्ट देखती है और बहुत खुश होकर मनोज को बताती है कि मनोज तुम अब IPS बन गये हो।
12वीं फेल बुक पीडीएफ फ्री डाऊनलोड हिंदी में (12th Fail Book PDF Download In Hindi)
12th Fail Book PDF Download करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
पुस्तक का नाम / Name of Book |
12वीं फेल बुक पीडीएफ / 12th Fail Book PDF |
पुस्तक के लेखक / Author of Book |
अनुराग पाठक / Anurag Pathak |
पुस्तक की भाषा / Language of Book |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पुस्तक का आकार / Size of E-book |
3 MB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ / Total pages in E-book |
177 पृष्ठ |
12th Fail Book PDF Download Free In Hindi
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निष्कर्ष :- 12th Fail Book वास्तव में सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। 12th Fail Book से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए कि परिस्थितियां चाहें कितनी ही विपरीत क्यों न हों यदि आप कुछ करने का निश्चय कर लें तो आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
यदि 12th Fail Book PDF Download लिंक सही तरह काम नहीं कर रहा हो या फिर आपको 12th Fail Book PDF Download करने में अन्य कोई परेशानी आ रही हो तो आप हमें कमेंट द्वारा बता सकते हैं साथ ही आपको यदि पोस्ट या 12th Fail Book PDF से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो भी आप कमेंट कर या फिर कॉन्टैक्ट पेज के द्वारा हमसे पूछ सकते हैं।
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