Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF Download Free | गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीरामचरितमानस पीडीएफ डाउनलोड फ्री 

Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF : नमस्कार दोस्तों! आज की इस पोस्ट में हम आपको गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस महाकाव्य की पीडीएफ (Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF) देने वाले हैं। इस महाकाव्य के नायक प्रभु श्रीराम हैं। यह महाकाव्य भारतीय संस्कृति में अपना एक विशेष स्थान रखता है। श्रीरामचरितमानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने 16वीं सदी में अवधी भाषा में की थी। यह गोस्वामी तुलसीदास जी की अवधी साहित्य की एक महान रचना है। इस महाकाव्य को उत्तर भारत के लोगों द्वारा प्रतिदिन पढ़ा जाता है। शरद नवरात्रि के पूरे नौ दिनों इसके सुंदरकांड का पाठ किया जाता है तथा मंगलवार और शनिवार को इसके सुंदरकांड का पाठ रामायण मंडलों द्वारा किया जाता है।

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गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस महाकव्य की पीडीएफ (Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF) का लिंक पोस्ट में नीचे दिया गया है। जहां से आप श्रीरामचरितमानस पीडीएफ (Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF) को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

परिचय (Introduction)

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श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध और पवित्र ग्रंथ है। श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास जी का एक श्रेष्ठ और लोकप्रिय महाकाव्य है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में की थी। गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड में स्वयं लिखा है कि इस महाकाव्य की रचना की शुरुआत उन्होंने अयोध्या में विक्रम संवत 1631 (1574 ईस्वी) को रामनवमी (मंगलवार) के दिन की थी और गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) की रचना का कार्य संवत् 1633 (1576 ईस्वी) को मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में राम विवाह के दिन पूरा किया था। अतः इस महाकाव्य की रचना करने में 2 वर्ष 7 माह 26 दिन का समय लगा था।

श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हैं। श्रीरामचरितमानस में श्रीराम के निर्मल एवं विशद चरित्र का बहुत ही सुंदर और सरस वर्णन किया गया है। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का आधार महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण को माना जाता है। रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने श्रीराम को केवल एक सांसारिक और चरित्रवान मनुष्य के रूप में प्रदर्शित किया है जबकि श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) में गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीराम को इस ब्रह्मांड के स्वामी भगवान विष्णु जी का अवतार माना है। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस को सामान्यतः ‘तुलसी रामायण’ या ‘तुलसीकृत रामायण’ के नाम से भी जाना जाता है।

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गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) को सात काण्डों में विभाजित किया है। इन सातों कांड के नाम निम्नलिखित हैं :-

  1. बालकाण्ड
  2. अयोध्याकाण्ड
  3. अरण्यकाण्ड
  4. किष्किन्धाकाण्ड
  5. सुन्दरकाण्ड
  6. लंकाकाण्ड (युद्धकाण्ड)
  7. उत्तरकाण्ड

छन्दों की संख्या के अनुसार बालकाण्ड सबसे बड़ा कांड और किष्किन्धाकाण्ड सबसे छोटा काण्ड हैं।

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पुस्तक का नाम / Name of Book 

श्रीरामचरितमानस / Shri Ramcharitmanas

पुस्तक के लेखक / Author of Book

गोस्वामी तुलसीदास / Goswami Tulsidas

प्रकाशक / Publisher

गीताप्रेस गोरखपुर / Gita Press Gorakhpur

पुस्तक की भाषा / Language of Book

हिंदी / Hindi

फाइल प्रारूप / File Format

पीडीएफ / PDF

पुस्तक का आकार / Size of E-book 

10 MB

पुस्तक में कुल पृष्ठ / Total pages in E-book

980 पृष्ठ

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निष्कर्ष :-  श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध और पवित्र ग्रंथ है। श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा अवधी भाषा में रचित एक श्रेष्ठ और लोकप्रिय महाकाव्य है। गोस्वामी तुलसीदास जी को इस महाकाव्य की रचना करने में 2 वर्ष 7 माह 26 दिन का समय लगा था। श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हैं। श्रीरामचरितमानस में श्रीराम के निर्मल एवं विशद चरित्र का बहुत ही सुंदर और सरस वर्णन किया गया है।

यदि पोस्ट में दी गई गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस महाकाव्य की पीडीएफ (Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF) डाउनलोड नहीं हो रही है या डाउनलोड लिंक ठीक प्रकार से काम नहीं कर रहा है तो आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं और साथ ही अगर आपको अन्य किसी पीडीएफ की भी आवश्यकता हो तो भी आप हमें कमेंट कर या कांटेक्ट पेज (Contact Page) के द्वारा बता सकते हैं।

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FAQs : Frequently Asked Questions

Q : क्या रामचरितमानस एक महाकाव्य है?

And : हां, श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित संसार के श्रेष्ठ और लोकप्रिय महाकाव्यों में से एक है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में की थी।

Q : रामचरित चरित क्या है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध और पवित्र ग्रंथ है। श्रीरामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास जी का एक श्रेष्ठ और लोकप्रिय महाकाव्य है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में की थी। श्रीरामचरितमानस के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हैं। श्रीरामचरितमानस में श्रीराम के निर्मल एवं विशद चरित्र का बहुत ही सुंदर और सरस वर्णन किया गया है। 

Q : रामायण और रामचरितमानस के बीच अंतर क्या है?

Ans : गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) का आधार महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण को माना जाता है। रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि जी ने त्रेता युग में संस्कृत भाषा में की थी और इसमें श्रीराम को केवल एक सांसारिक और चरित्रवान मनुष्य के रूप में प्रदर्शित किया गया है जबकि श्रीरामचरितमानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने कलयुग में अवधी भाषा में की थी और इसमें श्रीराम को इस ब्रह्मांड के स्वामी भगवान विष्णु जी का अवतार माना गया है।

Q : रामचरित मानस में कितने छंद है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) में छन्दो की कुल संख्या 208 है जिसमें हरिगीतिका छंदों की संख्या 139 है ।

Q : रामचरितमानस का प्रमुख कौन सा है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) के महानायक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हैं। श्रीरामचरितमानस में श्रीराम के निर्मल एवं विशद चरित्र का बहुत ही सुंदर और सरस वर्णन किया गया है। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीराम को इस ब्रह्मांड के स्वामी भगवान विष्णु जी का अवतार माना है।

Q : रामचरितमानस का पहला श्लोक क्या है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) का प्रथम श्लोक निम्नलिखित है :-

मंगलाचरण वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मङ्गलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ।।

Q : रामचरितमानस की पहली चौपाई कौन सी है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) की पहली चौपाई निम्नलिखित है :-

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।

Q : रामचरितमानस का दूसरा नाम क्या है?

Ans : गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) को सामान्यतः ‘तुलसी रामायण’ या ‘तुलसीकृत रामायण’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त श्रीरामचरितमानस अन्य भाषाओं में अन्य नामों से प्रचलित है।

Q : रामचरितमानस की शैली क्या है?

Ans : गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) महाकाव्य की शैली गेय है।

Q : रामचरितमानस का मुख्य रस क्या है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) में प्रधान रस “भक्ति-रस” है।

Q : रामचरितमानस का मूल मंत्र क्या है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) का मूल मंत्र निम्नलिखित है :-

राम सुकृपा बिलोकहि जेही, जेहि के जेहि प‍र सत्य सनेहू।

सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू, जेहि पर कृपा करहि जनु जा‍नी।।

Q : रामचरित मानस का कौन सा कांड काशी में लिखा गया?

Ans : गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) के लेखन का आरंभ अयोध्या से शुरू किया था। श्रीरामचरितमानस के सात कांडों में से चार कांड काशी में लिखे गए हैं।

Q : रामचरितमानस पढ़ने से क्या लाभ है?

Ans : जिस घर में श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) का नियमित रूप से पाठ किया जाता है उस घर के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और घर के लोगों के मन भी शुद्ध हो जाते हैं। इस पवित्र ग्रंथ का पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Q : रामचरित मानस में राम शब्द कितनी बार आया है?

Ans : श्रीरामचरितमानस (Shri Ramcharitmanas) में आए कुछ प्रमुख शब्दों की आवृत्ति निम्नलिखित है:-

  1. “राम” शब्द – 1443 बार,
  2. “सीता” शब्द – 147 बार,
  3. “जानकी” शब्द – 69 बार
  4. “बैदेही” शब्द – 51 बार।

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