नमस्कार दोस्तों ! आज के इस लेख के माध्यम से हम आपके लिए गणेश चालीसा पीडीएफ (Shree Ganesh Chalisa PDF) लेकर आएं हैं। गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) हिंदू धर्म के प्रतिष्ठित देवताओं में एक भगवान गणेश जी को समर्पित एक भक्ति-भजन है। हिन्दू धर्म में भगवान गणेश जी को सबसे पहले पूजे जाने का वरदान प्राप्त है इसलिए किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक अवसरों जैसे : हवन, पूजन आदि पर सबसे पहले भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है।
भगवान श्री गणेश जी को उनके भक्तों द्वारा विघ्न-नाश, लंबोदर, गणाध्यक्ष, एकदंत, गजानन, कपिल, विकट, गजकर्णक, धूम्रकेतु, भालचंद्र, विनायक आदि भिन्न – भिन्न पवित्र नामों से पुकारा जाता है। अगर आप भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको गणेश चालीसा का पाठ नियमित रूप से पूरी श्रद्धा और लगन के साथ करना चाहिए।
गणेश चालीसा पीडीएफ (Shree Ganesh Chalisa PDF) डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक आपको पोस्ट में नीचे दिया गया है, जहां से आप गणेश चालीसा पीडीएफ (Shree Ganesh Chalisa PDF) को आसानी से केवल एक क्लिक में डाउनलोड कर सकते हैं।
परिचय (Introduction)
गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) एक भक्ति-भजन है, जो हिंदू धर्म के प्रतिष्ठित देवताओं में से एक भगवान गणेश जी को समर्पित है। गणेश चालीसा की रचना किसने की, यह अभी निश्चित नहीं है। लेकिन रामसुंदर प्रभु दास को गणेश चालीसा का सटीक रचनाकार माना जाता है, जिनका भजनों में उल्लेख किया गया है, किंतु माना जाता है कि 16वीं सदी में रहने वाले महान और श्रेष्ठ कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसकी रचना की थी, किंतु गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम का उल्लेख स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है।
गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) की रचना अवधी भाषा में की गई है। गोस्वामी तुलसीदास जी के रचनाकाल में साहित्यिक माध्यम के रूप में ब्रज भाषा के साथ-साथ अवधी भाषा का भी व्यापक स्तर पर प्रयोग किया जाता था। माना जाता है कि इसलिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने गणेश चालीसा की भाषा के लिए अवधी को ही चुना था जिससे कि औसत व्यक्ति भी गणेश चालीसा को पढ़ व समझ सके।
विश्व भर के हिंदू धर्म के लोगों के लिए गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है। माना जाता है कि गणेश चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा और लगन के साथ करने से भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गणेश चालीसा कुल 38 छंद हैं। गणेश चालीसा का आरंभ गुरु स्तुति करने वाले दो दोहों से होता है और अंतिम दोहे के साथ इसका समापन होता है। गणेश चालीसा का सांस्कृतिक महत्त्व बहुत अधिक है। इसे गणेश चतुर्थी, जो भगवान गणेश जी के सम्मान में आयोजित किया जाने वाला हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जैसे शुभ धार्मिक अवसरों पर बहुत उल्लास के साथ गाया जाता है।
श्री गणेश जी की पूजा करने की विधि (Method of worshiping Shri Ganesh ji)
श्री गणेश जी की पूजा करने की विधि निम्नलिखत है :-
- सबसे पहले स्नान आदि कर पवित्र हो जाएं। फिर जिस स्थान पर भगवान गणेश जी की प्रतिमा विराजमान करनी है वह स्थान साफ कर उसे गंगाजल से पवित्र करें।
- उसके बाद चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान गणेश जी की प्रतिमा को विराजमान करें।
- अब धूप, अगरबत्ती और अखंड दीप प्रज्ज्वलित करें। भगवान गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक करें और फिर दुर्वा घास, चावल और पुष्प भगवान गणेश जी को अर्पित करें।
- अब भगवान गणेश जी का स्मरण करते हुए गणेश स्तुति और गणेश चालीसा का पाठ करें और फिर उसके बाद ॐ गं गणपते नमः का जप करें।
- अंत में भगवान गणेश जी की आरती करें और आरती करने के बाद भगवान गणेश जी को फल, मिठाई और मोदक आदि का भोग लगाएं।
श्री गणेश चालीसा का पाठ करने के लाभ (Benefits of Reciting Ganesh Chalisa)
श्री गणेश चालीसा का पाठ करने के लाभ निम्नलिखित है :-
- श्री गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ प्रतिदिन नियमित रूप से करने से घर मे सुख- संपन्नता बनी रहती है और गंभीर मुकदमों व परेशानियों में जीत की प्राप्ति होती है।
- गणेश चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का “बुध दोष” दूर हो जाता है और व्यक्ति सदा सुखी व स्वस्थ रहता है।
- जो व्यक्ति गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करता है उस व्यक्ति पर भगवान श्री गणेश जी की कृपा हो जाने से वह व्यक्ति धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाता है और उस व्यक्ति की दरिद्रता व कर्ज सहित सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करने से सभी कार्य बिना किसी विघ्न के सुगमता से पूर्ण हो जाते हैं।
- इसका पाठ करने से विद्यार्थियों का मन एकाग्रचित रहता है और वह विद्या के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।
- इसका पाठ करने से व्यक्ति के सभी शत्रुओं का विनाश होता है और विवाह सम्बन्धी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
श्री गणेश चालीसा पीडीएफ फ्री डाउनलोड (Shree Ganesh Chalisa PDF Free Download)
पुस्तक का नाम / Name of Book |
गणेश चालीसा / Ganesh Chalisa |
पुस्तक की भाषा / Language of Book |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पुस्तक का आकार / Size of E-book |
375 KB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ / Total pages in E-book |
3 पृष्ठ |
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निष्कर्ष : गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) एक भक्ति-भजन है, जो हिंदू धर्म के प्रतिष्ठित देवताओं में से एक भगवान गणेश जी को समर्पित है। विश्व भर के हिंदू धर्म के लोगों के लिए गणेश चालीसा बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है। गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ पूरी श्रद्धा और लगन के साथ करने से भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे गणेश चतुर्थी, जो भगवान गणेश जी के सम्मान में आयोजित किया जाने वाला हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जैसे शुभ धार्मिक अवसरों पर बहुत उल्लास के साथ गाया जाता है।
यदि पोस्ट में दी गई गणेश चालीसा पीडीएफ (Shree Ganesh Chalisa PDF) का डाउनलोड लिंक ठीक से काम नहीं कर रहा है या कोई और परेशानी आ रही है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर हमें बता सकते हैं और साथ ही अगर आपको किसी अन्य पीडीएफ की भी आवश्यकता हो तो भी आप हमें कमेंट कर या कांटेक्ट पेज (Contact Page) के द्वारा बता सकते हैं।
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FAQs : Frequently Asked Questions
Q : गणेश चालीसा के लेखक कौन है?
Ans : गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) की रचना किसने की, यह अभी निश्चित नहीं है। लेकिन रामसुंदर प्रभु दास को गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का सटीक रचनाकार माना जाता है, जिनका भजनों में उल्लेख किया गया है, किंतु माना जाता है कि 16वीं सदी में रहने वाले महान और श्रेष्ठ कवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसकी रचना की थी, किंतु गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम का उल्लेख स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है।
Q : गणेश जी का मूल मंत्र कौन सा है?
Ans : भगवान गणेश जी का मूल मंत्र निम्नलिखित है जिसका उच्चारण करने से भगवान गणेश जी बहुत प्रसन्न होते हैं।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
Q : गणेश जी का असली नाम क्या है?
Ans : कहा जाता है कि भगवान गणेश जी का मस्तक अर्थात् सिर कटने के पहले उनका नाम विनायक था। लेकिन जब उनका सिर काटा गया और फिर उसके स्थान पर हाथी का सिर लगाया गया तो तभी से सब उन्हें गजानन कहकर पुकारने लगे तथा फिर उन्हें गणों का प्रमुख बन जाने के गणपति और गणेश कहा जाने लगा।
Q : कलयुग में गणेश जी का क्या नाम है?
Ans : कलयुग में भगवान गणेश जी का नाम “धूम्रकेतु” होगा। यह अवतार भगवान गणेश जी कलयुग में समाज में फैली बुराइयों को समाप्त करने के लिए और लोगों को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए लेंगे।
Q : गणेश जी की बेटी का नाम क्या है?
Ans : भगवान गणेश जी की बेटी का नाम “संतोषी” है। अधिकतर लोगों को केवल भगवान गणेश जी के दो पुत्र “शुभ” और “लाभ” का ही पता है।
Q : गणेश के 8 अवतार कौन से हैं?
Ans : भगवान गणेश जी के 8 अवतारों के नाम निम्नलिखित हैं :-
- वक्रतुंड अवतार
- एकदंत अवतार
- महोदर अवतार
- विकट अवतार
- गजानन अवतार
- लंबोदर अवतार
- विघ्नराज अवतार
- धूम्रवर्ण अवतार
Q : गणेश भगवान की कितनी पत्नियां हैं?
Ans : भगवान गणेश जी की पाँच पत्नियाँ हैं जिनके नाम रिद्धि, सिद्धि, तुष्टि, पुष्टि और श्री हैं।
Q : गणेश जी को कौन सा रंग पसंद है?
Ans : भगवान गणेश जी को लाल रंग प्रिय है इसलिए पूजा के समय आप लाल रंग के कपड़े पहन सकते हैं। गणपति जी को हरे रंग की दूर्वा घास प्रिय होती है इसलिए आप हरे रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं।
Q : गणेश जी पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
Ans : एक बार भगवान चंद्रदेव ने भगवान गणेश जी के स्वरूप का उपहास किया था, जिस कारण भगवान गणेश जी ने चंद्रदेव को शाप दे दिया था। इसलिए भगवान गणेश जी को सफेद रंग की चीजें जैसे : सफेद जनेऊ, सफ़ेद फूल, सफेद चंदन और सफ़ेद वस्त्र आदि चढ़ाना वर्जित माना जाता है, क्योंकि सफ़ेद चीजें चंद्रमा से संबंधित होती हैं।
Q : गणेश जी को कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?
Ans : भगवान गणेश जी को सफेद फूल या केतकी के फूल नहीं चढाने चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जी को केतकी के फूल प्रिय नहीं हैं, इसलिए मान्यता है कि इसी कारण भगवान गणेश जी को भी केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए।
Q : गणेश जी के दो पुत्र कौन हैं?
Ans : भगवान गणेशजी के दो पुत्र शुभ और लाभ हैं।