नमस्कार दोस्तों! आज हम अपनी इस पोस्ट में आपके लिए श्री हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Hanuman Ashtak PDF) लेकर आएं हैं। साथ ही इस पोस्ट में हम आपको श्री हनुमान अष्टक क्या है, इसकी रचना कैसे हुई, इसकी पूजा-विधि क्या है और इसका पाठ करने के क्या-क्या फायदे हैं आदि के बारे में भी बताने वाले हैं। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक जरूर पढ़ें।
श्री हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Hanuman Ashtak PDF) डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक आपको पोस्ट में नीचे दिया गया है, जहां से आप श्री हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Hanuman Ashtak PDF) को आसानी से केवल एक क्लिक में डाउनलोड कर सकते हैं और फिर उसका पाठ कर सकते हैं।
श्री हनुमान अष्टक क्या है (Shri Hanuman Ashtak Kya Hai)
श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) में हनुमान जी को उनकी शक्तियों का स्मरण कराया गया है। श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा की गई थी। श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) में कुल 8 पद हैं इसलिए श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) को संकट मोचन हनुमान अष्टक के नाम से भी जाना जाता है।
श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) गोस्वामी तुलसीदास जी एक श्रेष्ठ, महत्त्वपूर्ण और लोकप्रिय रचना है। श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) का पाठ करने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं और आपके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखते हैं। इसका पाठ करने से हनुमान जी आपके सभी दुखों, परेशानियों और संकटों को नष्ट कर देते हैं और आपको जीवनभर सुखी रहने का आशीर्वाद भी देते हैं।
श्री हनुमान अष्टक की रचना कैसे हुई (Shri Hanuman Ashtak Ki Rachna Kaise Hui)
एक बार हनुमान जी के माता-पिता किसी कार्यवश बाहर गए हुए थे और हनुमान जी को महल में अकेला ही छोड़ गए थे। जब हनुमान जी को भूखे लगी तो उन्हें खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला। भूख से बेहाल होने के कारण उन्होंने सूर्य को एक फल (आम) समझ लिया और उसे निगल गए। जब इंद्रदेव ने यह देखा तो उन्होंने उन पर जोरदार प्रहार किया जिससे हनुमान जी को बहुत क्षति पहुंची। तब सभी देवी-देवताओं ने हनुमान जी से क्षमा याचना की और उन्हों अनेक वरदान दिए।
हनुमान जी अपने बाल-जीवन में बहुत ही शरारती और नटखट थे। एक बार जब एक ऋषि तपस्या कर रहे थे तब हनुमान जी उन्हें परेशान करने लगे। जिस कारण वह ऋषि हनुमान जी पर बहुत ही कोधित हुए और उन्होंने क्रोध के कारण हनुमान जी को शाप दिया कि वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं इसलिए वह अपनी सभी शक्तियों को भूल जायेंगे।
इसके बाद हनुमान जी द्वारा बहुत क्षमा याचना करने पर ऋषि ने उनसे कहा कि जब भी कोई तुम्हें तुम्हारी शक्तियों का स्मरण कराएगा तब तुम्हें तुम्हारी सारी शक्तियां पुनः स्मरण हो जाएंगी और तुम उनका उपयोग कर पाओगे। जब हनुमान जी अंगद और जामवंत जी के साथ सीता जी की खोज में महासागर के तट पर पहुंचे तो जामवंत जी ने हनुमान जी को उनकी सभी शक्तियों का पुनः स्मरण कराया। इस प्रकार श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) में हनुमान जी को उनकी शक्तियों का स्मरण कराया गया है।
श्री हनुमान अष्टक पाठ की पूजन विधि (Shri Hanuman Ashtak Path Ki Poojan Vidhi)
श्री हनुमान अष्टक पाठ की पूजन विधि निम्नलिखित है :-
- सबसे पहले स्नानादि कार्य कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
- इसके बाद श्री राम और हनुमान जी की तस्वीर के सामने आसन पर बैठ जाएं।
- अब हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं और लाल पुष्प अर्पित करें।
- इसके बाद पहले हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisha) और फिर उसके बाद श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) का पाठ करें।
- अंत में हनुमान जी को गुड़, चना या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
- इस प्रकार आप श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) का पाठ 21 दिनों तक या नियमित रूप से कर सकते हैं। श्री हनुमान अष्टक का पाठ मंगलवार को करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
श्री हनुमान अष्टक का पाठ करने के फायदे (Shri Hanuman Ashtak Ka Path Karne Ke Fayde)
श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) का पाठ करने के फायदे निम्नलिखित हैं :-
- श्री हनुमान अष्टक का पाठ करने से घर में सदैव सुख-शांति बनी रहती है।
- इसका पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।
- इसके पाठ से व्यक्ति के शत्रुओं का नाश होता है और ग्रहों की स्थितियों का बुरा प्रभाव भी नहीं पड़ता है।
- श्री हनुमान अष्टक का पाठ करने से मनुष्य के सारे संकट दूर हो जाते हैं और उसके सभी काम भी बनने लगते हैं।
श्री संकट मोचन हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF)
श्री हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Hanuman Ashtak PDF) डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें :-
पुस्तक का नाम / Name of Book |
श्री संकट मोचन हनुमान अष्टक / Shri Hanuman Sankat Mochan Ashtak |
पुस्तक के लेखक / Author of Book |
गोस्वामी तुलसीदास / Goswami Tulsidas |
पुस्तक की भाषा / Language of Book |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पुस्तक का आकार / Size of E-book |
821 KB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ / Total pages in E-book |
6 पृष्ठ |
Shri Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF Free Download
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निष्कर्ष :- श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) में हनुमान जी को उनकी शक्तियों का स्मरण कराया गया है। श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) में कुल 8 पद हैं इसलिए श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) को संकट मोचन हनुमान अष्टक के नाम से भी जाना जाता है।
यदि पोस्ट में दी गई श्री हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Hanuman Ashtak PDF) का डाउनलोड लिंक काम नहीं कर रहा है या श्री हनुमान अष्टक पीडीएफ (Shri Hanuman Ashtak PDF) डाउनलोड करने में कोई परेशानी आ रही है तो आप कमेंट कर हमें बता सकते हैं और यदि आपको किसी और पीडीएफ की भी आवश्यकता है तो भी आप हमें कमेंट कर या कांटेक्ट पेज (Contact Page) के द्वारा हमें बता सकते हैं।
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FAQs : Frequently Asked Questions
Q : हनुमान अष्टक किसे पढ़ना चाहिए?
Ans : जाति, धर्म, लिंग आदि का भेद न करते हुए कोई भी व्यक्ति श्री हनुमान अष्टक का पाठ कर सकता है। उन भक्तों को संकट मोचन हनुमान अष्टक का अधिक लाभ मिलता है जो भगवान हनुमान की पूजा करते हैं।
Q : हनुमान अष्टक के रचयिता कौन है?
Ans : श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं।
Q : हनुमान अष्टक का पाठ कैसे करें?
Ans : श्री हनुमान अष्टक पाठ की पूजन विधि निम्नलिखित है :-
- सबसे पहले स्नानादि कार्य कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
- इसके बाद श्री राम और हनुमान जी की तस्वीर के सामने आसन पर बैठ जाएं।
- अब हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी या चमेली के तेल का दीपक जलाएं और लाल पुष्प अर्पित करें।
- इसके बाद पहले हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisha) और फिर उसके बाद श्री हनुमान अष्टक (Shri Hanuman Ashtak) का पाठ करें।
- अंत में हनुमान जी को गुड़, चना या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।