Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF Free Download | दुर्गा सप्तशती संपूर्ण पाठ हिंदी में PDF
Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF : नमस्कार दोस्तों! हम अपनी आज की इस पोस्ट में आपके लिए श्री दुर्गा सप्तशती पाठ पीडीएफ हिंदी में (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF) लेकर आएं हैं। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) ऋषि मार्कंडेय द्वारा रचित 18 प्रमुख पुराणों में से एक मार्कंडेय पुराण का एक भाग है। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का प्रतिदिन नियमित रूप से पाठ करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आपको आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
इसके अंतर्गत आने वाला श्री दुर्गा कवच (Shri Durga Kavach) स्तोत्र बहुत ही अद्भुत और चमत्कार करने वाला है। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) के पाठ से मनुष्य को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे मनुष्य के जीवन के सभी दुःख, दर्द और संकट आदि शीघ्र ही और सरलता से समाप्त हो जाते हैं।
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ पीडीएफ (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF) का डाउनलोड बटन का लिंक आपको पोस्ट में आगे दिया गया है। इस डाउनलोड बटन पर क्लिक कर आप श्री दुर्गा सप्तशती पाठ पीडीएफ हिंदी में (Durga Saptashati Path In Hindi PDF) आसानी से मात्र एक क्लिक में फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं।
श्री दुर्गा सप्तशती क्या है (Shri Durga Saptashati Kya Hai)
श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है। इसकी रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) ऋषि मार्कंडेय द्वारा लिखित मार्कंडेय पुराण का ही एक प्रमुख और चमत्कारिक भाग है। इसमें कुल 700 श्लोक हैं जो इसमें मंत्र के रूप में विद्यमान हैं। इसमें मां दुर्गा की महिमाओं का बहुत ही सुंदर और आकर्षक वर्णन किया गया है। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) में कुल 13 अध्याय हैं।
इन 13 अध्यायों को तीन हिस्सों अथवा तीन चरित्रों में विभाजित किया गया है, जो निम्नलिखित हैं :-
- प्रथम चरित्र :- प्रथम चरित्र के अंदर पहला अध्याय शामिल है। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) के इस प्रथम चरित्र में मधु और कैटभ के वध की कथा का वर्णन किया गया है।
- मध्यम चरित्र :- मध्यम चरित्र के अंदर दूसरा, तीसरा और चौथा अध्याय सम्मिलित हैं। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) के इस चरित्र में महिषासुर की उसकी सेना सहित वध की कथा का वर्णन किया गया है।
- उत्तम चरित्र :- उत्तम चरित्र के अंदर 5 से लेकर 13 तक अध्याय आते हैं। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) के इस चरित्र में शुभ और निशुभ के वध की कथा तथा सूरत एवं वैश्य को मां दुर्गा द्वारा मिले वरदान की कथा का वर्णन किया गया है।
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ करने के फायदे (Shri Durga Saptashati Path Karne Ke Fayde)
श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के फायदे निम्नलिखित हैं :-
- श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) के पाठ से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ रोजाना नियमित रूप से करने से घर में सदैव सुख-शांति बनी रहती है।
- इसके पाठ से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ करने से धन-सम्पदा की सदैव पूर्ति रहती है।
- इसका पाठ करने से शत्रुओं से रक्षा होती है।
- श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) के पाठ से मन को शांति मिलती है और शरीर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- इसके पाठ से नकारत्मक विचारों से सुरक्षा मिलती है और मन में सदैव सकारात्मक विचारों का प्रवाह होता है।
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ हिंदी पीडीएफ फ्री डाउनलोड (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF Free Download)
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ हिंदी पीडीएफ (Durga Saptashati Path In Hindi PDF) फ्री में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें :-
पुस्तक का नाम / Name of Book |
दुर्गा सप्तशती संपूर्ण पाठ हिंदी में PDF / Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF |
पुस्तक के लेखक / Author of Book |
ऋषि मार्कंडेय / Rishi Markandeya |
पुस्तक की भाषा / Language of Book |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पुस्तक का आकार / Size of E-book |
600 KB |
पुस्तक में कुल पृष्ठ / Total pages in E-book |
240 पृष्ठ |
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ हिंदी पीडीएफ फ्री डाउनलोड (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF Free Download)
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निष्कर्ष :- वास्तव में श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF) ऋषि मार्कंडेय द्वारा लिखित 18 प्रमुख पुराणों में से एक मार्कंडेय पुराण का एक अद्भुत और चमत्कारिक भाग है। इसमें 700 श्लोक मंत्र रूप में विधमान हैं जिसमें माता पार्वती की नौ दैवीय रूपों में प्रशंसा की गई है। इसके अंदर 13 अध्याय हैं। इसका नियमित रूप से पाठ करने से माँ दुर्गा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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FAQs : Frequently Asked Questions
Q : दुर्गा सप्तशती के लेखक कौन है?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है। इसकी रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। यह ऋषि मार्कंडेय द्वारा लिखित मार्कंडेय पुराण का ही एक प्रमुख और चमत्कारिक भाग है। इसमें कुल 700 श्लोक हैं जो इसमें मंत्र के रूप में विद्यमान हैं। श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) में मां दुर्गा की महिमाओं का बहुत ही सुंदर और आकर्षक वर्णन किया गया है।
Q : दुर्गा सप्तशती में कितने मंत्र है?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) में कुल 700 श्लोक हैं जो इसमें मंत्र के रूप में विद्यमान हैं।
Q : नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करना चाहिए?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ आरंभ करने से पहले नवार्ण मंत्र व कवच तथा उसके बाद कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इसके पश्चात ही श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना आरंभ करना चाहिए। इस प्रकार श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आपके ऊपर सदा अपनी कृपा-दृष्टि बनाए रखती हैं।
Q : 7 दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ कैसे करें?
Ans : 7 दिनों में श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ करने के लिए पहले दिन पहले अध्याय का, दूसरे दिन दूसरे व तीसरे अध्याय का, तीसरे दिन चौथे अध्याय का और चौथे दिन पांचवें, छठे, सांतवें व आंठवे अध्याय का, पांचवें दिन नवें व दशवें अध्याय का, छठे दिन ग्यारहवें अध्याय का और सातवें दिन बारहवें व तेरहवें अध्याय का पाठ करना चाहिए।
Q : दुर्गा सप्तशती पढ़ने का क्या नियम है?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ करने के नियम निम्नलिखित हैं :-
- श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF) का पाठ लाल रंग के वस्त्र धारण करके करना अति उत्तम होता है।
- प्रतिदिन कम-से-कम तीन माला मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
- श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले उत्कीलन मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
- आप उत्कीलन मंत्र का जाप करने के बाद कवच, कीलक और अर्गला का पाठ भी कर सकते हैं।
Q : सप्तशती पाठ कितने बजे करना चाहिए?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ करने के लिए प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त का समय बहुत ही उत्तम होता है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ राहुकाल में नहीं करना चाहिए।
Q : दुर्गा सप्तशती में सबसे पहले क्या पढ़ना चाहिए?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ आरंभ करने से पहले और बाद में नर्वाण मंत्र ”ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे” का जाप अवश्य ही करना चाहिए।
Q : दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से क्या लाभ है?
Ans : श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati Path In Hindi PDF) का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं :-
- श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ रोजाना नियमित रूप से करने से घर में सदैव सुख-शांति बनी रहती है और मनुष्य का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
- श्री दुर्गा सप्तशती (Shri Durga Saptashati) का पाठ करने से धन-सम्पदा की सदैव पूर्ति रहती है और शत्रुओं से रक्षा होती है।
- श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ से मन को शांति मिलती है और शरीर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ से नकारत्मक विचारों से सुरक्षा मिलती है और मन में सदैव सकारात्मक विचारों का प्रवाह होता है।