नमस्कार दोस्तों ! हम अपनी इस पोस्ट में आपके लिए श्री लक्ष्मी चालीसा पीडीएफ (Laxmi Chalisa In Hindi PDF) लेकर आए हैं। मां लक्ष्मी जी की नियमित पूजा और श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करने से मनुष्य के जीवन में कभी भी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती है। शास्त्रों के अनुसार, मां लक्ष्मी जी की पूजा शुक्रवार के दिन पूरे विधि-विधान के साथ की जाए, तो व्यक्ति की दरिद्रता खत्म हो जाती है और व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी जी की आराधना में श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का विशेष महत्त्व है, क्योंकि मां लक्ष्मी जी को आरती के साथ-साथ ही चालीसा का पाठ भी बेहद प्रिय है।
श्री लक्ष्मी चालीसा पीडीएफ (Shri Laxmi Chalisa In Hindi PDF) का डाउनलोड लिंक आपको पोस्ट में आगे दिया गया है, जहां से श्री लक्ष्मी चालीसा पीडीएफ (Shri Laxmi Chalisa In Hindi PDF) को आप आसानी से मात्र एक क्लिक में डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही पोस्ट में श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) लिखित रूप में भी दी गई है जिसे आप पढ़ सकते हैं तथा श्री लक्ष्मी चालीसा का महत्त्व, श्री लक्ष्मी चालीसा की उत्पत्ति, श्री लक्ष्मी चालीसा पाठ करने की विधि और श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से होने वाले लाभों के बारे में भी बताया गया है। अतः इस पोस्ट अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें।
श्री लक्ष्मी चालीसा का महत्त्व (Importance of Shri Lakshmi Chalisa)
श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) की रचना रामदास जी द्वारा की गई थी। श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) में कुल 40 छंद हैं, जो धन की देवी मां लक्ष्मी जी को समर्पित हैं। इनमें माँ की लोगों के दुखों को हर लेने वाली चमत्कारी शक्तियों का वर्णन किया गया है। श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का प्रत्येक छंद मां लक्ष्मी जी की स्तुति के लिए समर्पित है।
हिंदू धर्म में शुक्रवार के दिन विशेष रूप से धन, समृद्धि और वैभव की देवी मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी जी को समर्पित है। शुक्रवार के दिन भक्त लोग पूरे विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी जी का व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं। माना जाता है कि मां लक्ष्मी जी की शुक्रवार वाले दिन पूरे-विधान से पूजा और उनके मंत्र का जाप करने से मनुष्य के घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और उन्हें मां लक्ष्मी जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आप यदि अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आपको मां लक्ष्मी जी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए। आप श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करके मां लक्ष्मी जी को आसानी से प्रसन्न कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। मां लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर के समक्ष घी का दीप प्रज्ज्वलित कर श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करने से घर में कभी-भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।
श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने की विधि (Method Of Reciting Shri Lakshmi Chalisa)
प्रतिदिन नियमित रूप से माँ लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन की दरिद्रता दूर हो जाती है। श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ उचित विधि से करने पर माँ लक्ष्मी जी जल्दी ही प्रसन्न हो जाती हैं। श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करने की उचित विधि निम्नलिखित है :-
- श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करने के लिए सबसे पहले प्रातःकाल जल्दी उठें और नित्य कार्यों से निर्वृत हो कर स्नानादि कार्य करें।
- अब स्नान करने के बाद सफेद या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद पूजा स्थल पर एक साफ लाल रेशमी कपड़ा बिछाएं और उस पर कमल पर विराजमान माँ लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की एक-एक प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- अब मां लक्ष्मी जी की घी का दीपक, कुमकुम, अक्षत, कमल का फूल, गुलाब की सुगंध वाली धूप, गुलाल, इत्र, चंदन, अबीर आदि से पूजा करें।
- पूजा करने के बाद माँ लक्ष्मी जी को खीर का भोग लगाएँ और उसके बाद मां लक्ष्मी जी की आरती का पाठ करें।
- मां लक्ष्मी जी की आरती हो जाने के बाद पूर्ण श्रद्धा और सच्चे मन के साथ श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करें।
श्री लक्ष्मी चालीसा पाठ के लाभ (Laxmi Chalisa Benefits in Hindi)
श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ नियमित रूप से पूर्ण श्रद्धा भाव से करने से अनेक लाभ मिलते हैं, जो निम्नलिखित हैं :-
- श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ नियमित रूप से करने से माँ लक्ष्मी जी की कृपा शीघ्र और सरलता से प्राप्त हो जाती है।
- इसका पाठ करने से धन से संबंधित समस्याएं शीघ्र ही हल हो जाती हैं तथा जातक के घर में सुख, संपत्ति और समृद्धि सदैव बनी रहती है।
- इसके नियमित पाठन से घर में कभी भी गृह कलेश आदि नहीं होते हैं। इसका पाठ करने से पारिवारिक झगड़ों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- इसका पाठ करने से आप पर शुक्र की महादशा का प्रभाव कम होने लगता है और आपका “शुक्र ग्रह” मजबूत होता है। शुक्र ग्रह के उच्च होते ही मां लक्ष्मी जी की कृपा से आपके जीवन मे वाहन, मकान, ऐश्वर्य, धन आदि का आगमन शुरू हो जाता है।
- श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa) का पाठ करने से आपके व्यापर में आने वाली सभी समस्याओ का निवारण हो जाता है और आपके नौकरी में प्रमोशन आदि के योग स्वतः ही बनने लगते हैं।
श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Laxmi Chalisa In Hindi)
॥ दोहा ॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥
सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार। रिद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार।।
॥ सोरठा ॥
यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका।
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान, बुद्धि, विद्या दो मोही॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वाञ्छित फल पाई॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥
ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बन्धन हारिणी॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥
पुत्रहीन अरु सम्पति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥
रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई॥
रामदास अब कहाई पुकारी। करो दूर तुम विपति हमारी।।
॥ दोहा ॥
त्राहि त्राहि दुःख हारिणी,हरो वेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी,करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित,विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर,करहु दया की कोर॥
श्री लक्ष्मी चालीसा पीडीएफ (Laxmi Chalisa In Hindi PDF Download)
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पीडीएफ का नाम / Name of PDF |
श्री लक्ष्मी चालीसा / Shri Laxmi Chalisa |
पीडीएफ की भाषा / Language of PDF |
हिंदी / Hindi |
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पीडीएफ / PDF |
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