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गणेश जी की आरती पीडीएफ डाउनलोड (Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download) करने का डायरेक्ट लिंक आपको पोस्ट में आगे दिया गया है, जहां से आप बहुत आसानी से केवल एक क्लिक में गणेश जी की आरती पीडीएफ डाउनलोड (Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download) कर सकते हैं।
भगवान गणेश जी की आरती का महत्त्व (Bhagvan Ganesh Ji Ki Aarti Ka Mahattva)
भगवान गणेश जी हिन्दू धर्म में सभी देवताओ में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान हैं। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत करने से पहले भगवान गणेश जी की आरती करने से वह कार्य बिना किसी बाधा या परेशानी के बड़े ही सुगमता से पूर्ण हो जाता है। इसलिए भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश जी की पूजा उनकी आरती के बिना अधूरी मानी जाती है।
गणेश आरती (Ganesh Aarti) का पाठ करना बहुत अधिक शुभ और मंगलकारी होता है। गणेश आरती (Ganesh Aarti) का पाठ करने से मनुष्य को भगवान गणेश जी का आशीर्वाद और कृपा दृष्टि प्राप्त होती है, जिस कारण उनके भक्तों के सभी कष्ट और दुःख-दर्द आदि दूर हो जाते हैं। भगवान गणेश जी की पूजा करने से मनुष्य की बुद्धि और ज्ञान में सदा वृद्धि होती है, घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, जीवन की सभी परेशानियां और संकट आदि दूर हो जाते हैं और आपको जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
भगवान गणेश जी को निम्नलिखित 10 नामों से भी जाना जाता है :-
- विघ्नहर्ता
- भालचंद्र
- एकदन्ति
- लम्बोदराय
- गणपति
- गणाध्यक्ष
- सुमुख
- विनायक देवता
- गजानंद
- गजकर्णक
भगवान गणेश जी की पूजा करने की विधि (Bhagvan Ganesh Ji Ki Pooja Vidhi)
अगर आप भगवान श्री गणेश जी की पूरे विधि-विधान के साथ आरती करते हैं तो आपको भगवान श्री गणेश जी का आशीर्वाद और कृपा अवश्य ही प्राप्त होती है।
भगवान गणेश जी की पूजा करने की विधि निम्नलिखित है –
- सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नानादि कार्य कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
- अब पूजा-स्थल अथवा घर के मंदिर की साफ-सफाई कर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान गणेश जी और देवी लक्ष्मी जी की मूर्ति अथवा तस्वीर को स्थापित करें।
- अब भगवान गणेश जी को प्रसाद में लड्डू का भोग लगाएं और फिर पूजा-सामग्री के साथ भगवान गणेश जी की पूजा करना आरंभ करें।
- इसके बाद धीमे स्वर से उच्च स्वर की ओर 3 बार शंख बजाएं और फिर भगवान गणेश जी की आरती करें।
- गणेश आरती (Ganesh Aarti) करते समय शब्दों का सही उच्चारण करें, एक ही लय में घंटी बजाएं और घंटी की लय में ही भगवान गणेश जी की आरती करें।
- गणेश आरती (Ganesh Aarti) के लिए शुद्ध कपास अर्थात् रूई से बनी घी की बत्ती जलाएं। ध्यान रहे कि बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस होनी चाहिए। आप बत्ती या घी उपलब्ध न होने पर कपूर का प्रयोग कर सकते हैं।
- आरती करते समय आरती स्टैंड को हमेशा ॐ के आकार में घुमाना चाहिए। मान्यता है कि ॐ शब्द में ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियाँ विद्यमान रहती हैं।
- आरती पूरी हो जाने के बाद भगवान गणेश जी और देवी लक्ष्मी जी के सामने खड़े होकर उन्हें प्रणाम करें और अपने जीवन में सदा सुख-समृद्धि रहने के लिए प्रार्थना करें।
- अंत में सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
भगवान गणेश जी की आरती करने से होने वाले लाभ (Bhagvan Ganesh Ji Ki Aarti Karne Se Hone Wale Labh)
अगर आप भगवान श्री गणेश जी की आरती का नियमित रूप से पाठ करते है तो आपको अनेक लाभ मिलते हैं, जो निम्नलिखित हैं –
- गणेश जी का विशाल मस्तक हमे विशालदायी लाभ प्रदान करता है।
- गणेश जी के बड़े-बड़े कर्ण हमे उत्तम विचारों को सुनने की प्रेरणा देते है।
- गणेश जी की निचे की और लटकी हुई नाक खतरों को सुनने की प्रेरणा देती है।
- एक दन्त से वचन बद्धता और छोटी आंखे ज्ञान को ग्रहण करने का संकेत देती है।
- उनका विशाल गोल मटोल पेट पाचनता का प्रतीक है।
- हाथ में धारण परशु विघ्नो के नाश और पापियों के नाश के लिए है। अर्थात आपके जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है।
- गणेश आरती (Ganesh Aarti) का पाठ करने से आपके ऊपर भगवान गणेश जी का आशीर्वाद और कृपा सदैव बनी रहती है, आपके सभी संकट व बाधाएं नष्ट हो जाती हैं और आपकी प्रत्येक मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
- गणेश आरती (Ganesh Aarti) का पाठ करने से आपके घर में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- भगवान गणेश जी की आरती करने से आपके द्वारा किसी भी शुभ कार्य का आरंभ करने पर वह कार्य बिना किसी विपदा के सकुशल संपन्न हो जाता है।
- गणेश आरती (Ganesh Aarti) का पाठ करने से आपको मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है और आपका मन सदैव शांत रहता है। जिससे आपका शरीर और दिमाग दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।
- गणेश आरती (Ganesh Aarti) का पाठ करने से आपके अंदर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो जाता है, जिससे आप अपने जीवन में हमेशा सफलता प्राप्त करते हैं।
भगवान गणेश जी की आरती (Bhagvan Ganesh Ji Ki Aarti)
भगवान गणेश जी की आरती निम्नलिखित है :-
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
मस्तक सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया।
गणेश जी की आरती PDF (Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download Free)
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पीडीएफ का नाम / Name of PDF |
गणेश जी की आरती / Ganesh Ji Ki Aarti |
पीडीएफ की भाषा / Language of PDF |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पीडीएफ का आकार / Size of PDF |
1 MB |
पीडीएफ में कुल पृष्ठ / Total Pages in PDF |
13 पृष्ठ |
गणेश जी की आरती PDF (Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download Free)
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निष्कर्ष :- आशा करता हूँ कि आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी और काफी फायदेमंद भी रही होगी। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। यदि आपको गणेश जी की आरती पीडीएफ डाउनलोड (Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download) करने में कोई परेशानी आ रही है या गणेश जी की आरती पीडीएफ डाउनलोड (Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download) करने का लिंक ठीक से कार्य नहीं कर रहा है तो आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं और साथ ही अगर आपको किसी और पीडीएफ की आवश्यकता हो तो भी आप कमेंट कर या कॉन्टैक्ट पेज के द्वारा हमसे सम्पर्क कर सकते हैं।
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FAQs : Frequently Asked Questions
Q : गणेश जी की आरती कब होती है?
Ans : भगवान गणेश जी की आरती प्रातः और सायं दोनों समय करनी चाहिए।
Q : गणेश जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
Ans : भगवान गणेश जी का सबसे सरल, प्रभावी और प्रिय मंत्र निम्मनलिखित है :-
ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।
भगवान गणेश जी के इस मंत्र का पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से जाप करने से किसी भी कार्य में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
Q : कौन सा गणेश मंत्र शक्तिशाली है?
Ans : भगवान गणेश जी का निम्नलिखित मंत्र बहुत शक्तिशाली है :-
निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व-कार्येषु सर्वदा ||
यह मंत्र भगवान गणेश जी की सूंड और उनके विशाल शरीर के साथ-साथ उनके तेज का भी वर्णन करता है। यह भगवान गणेश जी का वित्तीय समृद्धि के बीच आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए एक प्रमुख मंत्र है।
Q : गणेश जी के 11 मंत्र कौन कौन से हैं?
Ans : भगवान गणेश जी के 11 अत्यधिक सरल और प्रभावी पौराणिक मंत्र निम्नलिखित हैं :-
- ॐ गणाध्यक्षाय नम:
- श्री गणेशाय नम:
- ॐ श्री गणेशाय नम:
- ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:
- गं गणपतये नम:
- ॐ गं गणपतये नम:
- ॐ सिद्धि विनायकाय नम:
- ॐ गजाननाय नम.
- ॐ गं ॐ गणाधिपतये नम:
- ॐ लंबोदराय नम:
- ॐ एकदंताय नमो नम: