शनि देव चालीसा क्या है, महत्व, पाठ-विधि, लाभ और पीडीएफ फ्री डाउनलोड
नमस्कार दोस्तों ! आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए शनि देव चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF) लेकर आए हैं। मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में भगवान शनि देव को न्याय और कर्म का देवता कहा जाता है। भगवान शनि देव पृथ्वी के प्रत्येक मनुष्य पर नजर रखते है और उनके द्वारा जीवन में किए गए कर्मों के अनुसार उन्हें फल देने के लिए उन पर कुछ समय के लिए कुदृष्टि डालते हैं। भगवान शनि देव की कुदृष्टि से बचने के लिए और एक खुशहाल जीवन के लिए भगवान शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ किया जाता है।
शनि देव चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF) का लिंक आपको पोस्ट में आगे दिया गया है, जहां से आप शनि देव चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF) को मात्र एक क्लिक में डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही पोस्ट में शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) के बारे में भी विस्तार से बताया गया है कि शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) क्या है, इसका महत्त्व क्या है, इसकी पाठ करने की विधि क्या है और इसका पाठ करने के क्या लाभ हैं? अतः इस पोस्ट अंत तक और ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें।
शनि देव चालीसा क्या है (What is Shani Dev Chalisa)
भगवान शनि देव को हिंदू धर्म में न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) में भगवान शनि देव के कर्म आदि के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया है। शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) 2 दोहे और 40 छंदों से मिलकर बनी है। शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ शनि महादशा के दुष्प्रभाव से बचने के लिए किया जाता है ∣ भगवान शनि देव केवल ऐसे मनुष्यों को ही दंड देते हैं जो अनुचित कर्म करते हैं और कुमार्ग की ओर अग्रसर होते हैं।
शनि ग्रह को नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माना गया है। भगवान शनि देव की आराधना के लिए शनिवार का दिन उत्तम माना जाता है। शनिवार के दिन सूर्यपुत्र भगवान शनि देव की उपासना पूरे विधि-विधान के साथ करने से भगवान शनि देव अति प्रसन्न होते हैं। भगवान शनि देव की कृपा हो जाने से मनुष्य के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है और उसे जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिव पुराण के अनुसार, भगवान शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए राजा दशरथ ने भी शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ किया था।
शनि देव चालीसा का महत्त्व (Importance of Shani Dev Chalisa)
हिंदू धर्म में शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का विशेष महत्त्व है क्योंकि शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ करने से भगवान शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं। भगवान शनि देव की कृपा हो जाने से एक अधर्मी और पापी राजा एक रंक बन जाता है तथा एक दयावान और निस्वार्थ भाव से कर्म करने वाला एक रंक राजा बन जाता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि की महादशा और साढ़े साती या ढय्या से पीड़ित मनुष्य को शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य को साढ़े साती, ढैय्या से मुक्ति मिल जाती है।
शनि देव चालीसा पाठ की विधि (Method Of Reciting Shani Dev Chalisa)
शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ आप वैसे तो किसी भी दिन कर सकते हैं। लेकिन विशेष रूप से भगवान शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी शुभ दृष्टि प्राप्त करने के लिए शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ मुख्य रूप से शनिवार के दिन अवश्य ही करना चाहिए। शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ विधिपूर्वक करना ही उत्तम होता है।
शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ करने की विधि निम्नलिखित है :-
- शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ करने के लिए सबसे पहले प्रतिदिन प्रातः काल जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े पहन लें।
- इसके बाद अपने घर के पास स्थित किसी शनि मंदिर में जाएं और भगवान शनि देव की पूजा करें। यदि आप मंदिर न जा पाएं तो आप अपने घर पर ही भगवान शनि देव की पूजा कर सकते हैं।
- इसके बाद मंदिर या अपने घर पर भगवान शनि देव की मूर्ति के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और भगवान शनि देव को सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करें।
- अब भगवान शनि देव का ध्यान लगाएं तथा शांत मन और श्रद्धा के साथ शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ करें। मान्यता है कि जो व्यक्ति शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ लगातार 40 शनिवार तक करता है उस पर भगवान शनि देव की कुदृष्टि का प्रभाव खत्म हो जाता है।
शनि देव चालीसा के लाभ (Benefits Of Shani Dev Chalisa)
शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ करने के लाभ निम्नलिखित हैं :-
- शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ लगातार 40 शनिवार तक पाठ करने से भगवान शनि देव अति प्रसन्न होते हैं और उनकी कुदृष्टि भी नष्ट हो जाती है।
- इसका पाठ करने से करियर, नौकरी, व्यवसाय या परिवार में आ रही किसी भी तरह की समस्या का निवारण आसानी से हो जाता है।
- इसके पाठ से व्यक्ति का मन पवित्र हो जाता है और उसे विचारों की पवित्रता प्राप्त होती है।
- शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) मनुष्य को बुरे कार्यों और अपराध से बचाती है और उनके सभी दुख-दर्द को उनके जीवन से दूर पहुंचा देती है।
शनि देव चालीसा हिंदी में लिखित (Shani Dev Chalisa)
|| दोहा ||
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥
|| चौपाई ||
जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।
परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके।।
कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं आरिहिं संहारा।।
पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुख भंजन।।
सौरी, मन्द, शनि, दश नामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा।।
जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं । रंकहुं राव करैंक्षण माहीं।।
पर्वतहू तृण होई निहारत । तृण हू को पर्वत करि डारत।।
राज मिलत बन रामहिं दीन्हो । कैकेइहुं की मति हरि लीन्हों।।
बनहूं में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चतुराई।।
लखनहिं शक्ति विकल करि डारा । मचिगा दल में हाहाकारा।।
रावण की गति-मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई।।
दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका।।
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा।।
हार नौलाखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी।।
भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो।।
विनय राग दीपक महं कीन्हों । तब प्रसन्न प्रभु है सुख दीन्हों।।
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी।।
तैसे नल परदशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी।।
श्री शंकरहि गहयो जब जाई । पार्वती को सती कराई।।
तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उडि़ गयो गौरिसुत सीसा।।
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रौपदी होति उघारी।।
कौरव के भी गति मति मारयो । युद्घ महाभारत करि डारयो।।
रवि कहं मुख महं धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला।।
शेष देव-लखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ई।।
वाहन प्रभु के सात सुजाना । जग दिग्ज गर्दभ मृग स्वाना।।
जम्बुक सिंह आदि नखधारी । सो फल जज्योतिष कहत पुकारी।।
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पत्ति उपजावैं।।
गर्दभ हानि करै बहु काजा । गर्दभ सिद्घ कर राज समाजा।।
जम्बुक बुद्घि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्रण संहारै।।
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी।।
तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चांजी अरु तामा।।
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै।।
समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्व सुख मंगल कारी।।
जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै।।
अदभुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला।।
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई।।
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत।।
कहत रामसुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा।।
|| दोहा ||
पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार ।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार।।
शनि चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF Hindi)
शनि देव चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF) डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
पीडीएफ का नाम / Name of PDF |
शनि चालीसा पीडीएफ / Shani Dev Chalisa PDF |
पीडीएफ की भाषा / Language of PDF |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पीडीएफ का आकार / Size of PDF |
818 KB |
पीडीएफ में कुल पृष्ठ / Total Pages in PDF |
4 पृष्ठ |
You have to wait 45 seconds.
निष्कर्ष : शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) भगवान शनि देव को प्रसन्न करने के लिए एक सरल और उत्तम उपाय है। शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का प्रतिदिन नियमित रूप से पाठ करने से भगवान शनि देव की कुदृष्टि का प्रभाव शीघ्र ही खत्म हो जाता है और उनकी कृपा दृष्टि सदा आपके ऊपर बनी रहती है।
उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट बहुत पसंद आई होगी और आपके लिए काफी फायदेमंद भी रही होगी। अतः इस पोस्ट को अपने दोस्तों और अन्य सोशल नेटवर्क पर भी जरूर शेयर करें। यदि शनि देव चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF) के डाउनलोड बटन का लिंक ठीक प्रकार काम नहीं कर रहा है या फिर शनि देव चालीसा पीडीएफ (Shani Dev Chalisa PDF) डाउनलोड करने में आपको और कोई परेशानी आ रही है तो कमेंट द्वारा बता सकते हैं और साथ ही यदि आपको अन्य किसी पीडीएफ की भी जरूरत हो तो भी आप कमेंट द्वारा या फिर कांटेक्ट पेज द्वारा संपर्क कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें :-
- Shiva Chalisa PDF In Hindi Download
- Laxmi Chalisa In Hindi PDF Download
- Shree Durga Chalisa In Hindi PDF Free Download
- Shree Ganesh Chalisa PDF Free Download
- Hanuman Chalisa Pdf In Hindi Download
- Shiv Ji Aarti PDF Download Free
- Laxmi Aarti PDF Download Free
- Ganesh Ji Ki Aarti PDF Download Free
- Skand Puran In Hindi PDF Free Download
- Garun Puran Hindi PDF Download Free
- Shiv Puran In Hindi PDF Download Free
- Kanakadhara Stotram PDF Free Download
- Shiv Tandav Stotram PDF Download Free
- Shri Ram Raksha Stotra In Hindi PDF Free Download
- Shri Durga Kavach PDF Download Free
- Shri Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF Free Download
- Shri Ramcharitmanas In Hindi PDF Download Free
- Vishnu Sahasranamam In Hindi PDF Free Download
- Bal Kand In Hindi PDF Free Download
- Sunderkand PDF Download In Hindi
- Shrimad Bhagwat Geeta In Hindi PDF Download
FAQs : Frequently Asked Questions
Q : क्या घर में शनि चालीसा का पाठ कर सकते हैं?
Ans : हां, घर में शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ किया जा सकता है। घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ प्रतिदिन करना अति उत्तम होता है।
Q : क्या मैं रोजाना शनि चालीसा पढ़ सकता हूं?
Ans : हां, आप रोजाना शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ कर सकते हैं। प्रतिदिन शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ करने से भगवान शनि देव अति प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा दृष्टि भी सदैव बनी रहती है।
Q : शनि चालीसा कब करना चाहिए?
Ans : शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ आप वैसे तो आप किसी भी दिन कर सकते हैं। लेकिन विशेष रूप से भगवान शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी शुभ दृष्टि प्राप्त करने के लिए शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ मुख्य रूप से शनिवार के दिन अवश्य ही करना चाहिए। शनि देव चालीसा (Shani Dev Chalisa) का पाठ विधिपूर्वक करना ही उत्तम होता है।
Q : कौन सा शनि मंत्र शक्तिशाली है?
Ans : भगवान शनि देव का निम्नलिखित मंत्र बहुत शक्तिशाली और प्रभावी है :-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। ॐ शं शनैश्चराय नमः।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥