नमस्कार दोस्तों ! आज की इस पोस्ट में आपके लिए हम शिव चालीसा पीडीएफ (Shiva Chalisa PDF) लेकर आए हैं। धार्मिक मान्यता है कि प्रत्येक दिन भगवान शिव जी की उपासना करने से मनुष्य को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उसके जीवन की अनेक परेशानियां भी दूर हो जाती हैं। शिव पुराण, जिसकी रचना महर्षि वेद व्यास जी ने की थी, में भगवान शिव जी की उपासना के महत्त्व के विषय में विस्तार से बताया गया है और इसमें ही शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का वर्णन किया गया है। शिव चालीसा (Shiva Chalisha) का पाठ करने से मनुष्य को विशेष फल प्राप्त होता है और उसके जीवन में आने वाली समस्याएं भी नष्ट हो जाती हैं।
शिव चालीसा (Shiva Chalisa) के पाठ द्वारा भक्तगण भगवान शिव जी को सरलता से और शीघ्र ही प्रसन्न कर लेते हैं। किंतु शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ पूरे विधि अनुसार और कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। इसलिए इस पोस्ट में हम शिव चालीसा (Shiva Chalisa), उसके महत्त्व, शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने की उचित विधि और शिव चालीसा (Shiva Chalisa) पाठ के फायदे के बारे में बताने वाले हैं। साथ ही शिव चालीसा पीडीएफ (Shiva Chalisa PDF) का डाउनलोड लिंक आपको पोस्ट में आगे दिया गया है, जिसके द्वारा आप शिव चालीसा पीडीएफ (Shiva Chalisa PDF) को मात्र एक क्लिक में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
शिव चालीसा क्या है (Shiva Chalisa In Hindi)
शिव चालीसा (Shiva Chalisa) को महर्षि वेद व्यास जी द्वारा रचित शिवपुराण, जिसमें भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना के विषय में स्पष्ट रूप से बताया गया है, से लिया गया है। शिव चालीसा (Shiva Chalisa) में भगवान शिव जी की भक्ति के महत्त्व और महिमाओं का बहुत ही सुंदर वर्णन है। भगवान शिव जी की कृपा से मनुष्य के जीवन के सभी दुःख दूर हो जाते हैं और उसे भगवान शिव जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भगवान शिव जी की उपासना के लिए सावन मास बहुत ही अच्छा माना जाता है। सभी शिवभक्त भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करते हैं। यह भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए एक प्रभावशाली और उत्तम उपाय है।
शिव चालीसा का महत्त्व (Importance of Shiva Chalisa)
हिंदू धर्म में शिव चालीसा बहुत महत्त्व है। भगवान शिव जी को सृष्टि के संहारक के रूप में भी जाना जाता है। उनके भक्तों का एकमात्र उद्देश्य भगवान शिव जी को प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। पुराणों के अनुसार, शिव चालीसा (Shiva Chalisa) भगवान शिव जी को प्रसन्न करने के लिए एक प्रभावशाली और उत्तम उपाय है। शिव चालीसा (Shiva Chalisa) को शिव पुराण से लिया गया है।
मान्यताओं के अनुसार, जो भी शिवभक्त शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ पूर्ण श्रद्धा और लगन के साथ नियमित रूप से करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, उनका जीवन कष्ट मुक्त हो जाता है और साथ ही उन पर भगवान शिव जी की कृपा और आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
शिव चालीसा पाठ विधि (How to read Shiva Chalisa)
शिव चालीसा (Shiva Chalisa) पाठ की उचित विधि निम्नलिखित है :-
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने के लिए सबसे पहले प्रातः काल जल्दी उठ जाएं और स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें।
- इसके बाद अपना मुख पूर्व दिशा की ओर कर एक साफ आसन पर बैठ जाएं।
- अब भगवान शिव जी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें और उसके सामने गाय के घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें।
- इसके बाद भगवान शिव जी की प्रतिमा के पास तांबे के एक लोटे में स्वच्छ जल में थोड़ा गंगाजल मिलाकर रख दें और फिर भगवान शिव जी का ध्यान लगाएं।
- पूजा करते समय भगवान शिव जी को चावल, सफेद चंदन, कलावा, धूप-दीप, सफेद पुष्प और पुष्प की माला अर्पित करें और प्रसाद के रूप में शुद्ध मिश्री रखें।
- इसके बाद लय अनुसार शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करें।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ पूर्ण हो जाने के बाद लोटे के जल का सारे घर में छिड़काव करें और थोड़ा-सा जल स्वयं भी ग्रहण कर लें।
- अंत में प्रसाद रूप में शुद्ध मिश्री का वितरण करें।
शिव चालीसा पाठ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करते समय ध्यान निम्नलिखित बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें :-
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन कर करना चाहिए।
- इसका पाठ करते समय शंख नहीं बजाना चाहिए।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ अपना मुख पूर्व दिशा की ओर के स्वच्छ आसन पर बैठकर करना चाहिए।
- भगवान शिव जी की कभी भी तुलसी के पत्ते और केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
- पूजा करते समय भगवान शिव जी को सिंदूर, काला तिल, कुमकुम और हल्दी अर्पित नहीं करनी चाहिए।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ 3, 5, 11 या 40 बार करना चाहिए।
- इसका पाठ लय अनुसार और शुद्धता का ध्यान रखते हुए शांत मन से भगवान शिव जी का ध्यान लगाते हुए करना चाहिए।
शिव चालीसा पाठ के लाभ (Benefits Of Reading Shiv Chalisa)
शास्त्रों के अनुसार, शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से कई फायदे मिलते हैं। सावन माह में शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करना अधिक फलदायी होता है। शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं :-
- इसका पाठ पूरे विधि-विधान के साथ पूर्ण श्रद्धा से करने से मनुष्य को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से मनुष्य के जीवन की सभी प्रकार की समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- इसका पाठ करने से मनुष्य को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनका जीवन भी खुशहाल व्यतीत होता है।
- इसके द्वारा रोगी मनुष्य रोग मुक्त हो जाता है और मनुष्य की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से मनुष्य की नशे की लत खत्म हो जाती है और उसे तनाव से भी छुटकारा मिल जाता है।
- इसके पाठ द्वारा मन व शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है और न ही ग्रहों का दुष्प्रभाव पड़ता है।
- इसके पाठ से मनुष्य की व्यापार और नौकरी दोनों में उन्नति होती है।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) के पाठ से संतान के दायित्व की भी पूर्ति होती है।
श्री शिव चालीसा (Shiva Chalisa In Hindi)
॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ॥
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला ॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी ॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो ॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई ॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई ॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी ॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव चालीसा हिंदी में पीडीएफ (Shiva Chalisa PDF Download)
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शिव चालीसा / Shiva Chalisa |
पीडीएफ की भाषा / Language of PDF |
हिंदी / Hindi |
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पीडीएफ / PDF |
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शिव चालीसा हिंदी में पीडीएफ (Shiva Chalisa PDF Download)
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FAQs : Frequently Asked Questions
Q : शिव चालीसा कैसे पढ़ें?
Ans : शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें :-
- पहले प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें और पूर्व दिशा की ओर मुख कर एक साफ आसन पर बैठ जाएं।
- अब भगवान शिव जी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें और उसके सामने गाय के घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। इसके बाद भगवान शिव जी की प्रतिमा के पास तांबे के एक लोटे में स्वच्छ जल में थोड़ा गंगाजल मिलाकर रख दें और फिर भगवान शिव जी का ध्यान लगाएं।
- पूजा करते समय भगवान शिव जी को चावल, सफेद चंदन, कलावा, धूप-दीप, सफेद पुष्प और पुष्प की माला अर्पित करें और प्रसाद के रूप में शुद्ध मिश्री रखें। इसके बाद लय अनुसार शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करें।
- शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ पूर्ण हो जाने के बाद लोटे के जल का सारे घर में छिड़काव करें और थोड़ा-सा जल स्वयं भी ग्रहण कर लें। अंत में प्रसाद रूप में शुद्ध मिश्री का वितरण करें।
Q : शिव चालीसा करने से क्या होता है?
Ans : शास्त्रों के अनुसार, शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से कई फायदे मिलते हैं। सावन माह में शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करना अधिक फलदायी होता है। जो शिवभक्त शिव चालीसा (Shiva Chalisha) का पाठ पूर्ण श्रद्धा और लगन के साथ नियमित रूप से करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, उनका जीवन कष्ट मुक्त हो जाता है और साथ ही उन पर भगवान शिव जी की कृपा और आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
Q : शिव चालीसा कब पढ़ना चाहिए?
Ans : शिव चालीसा (Shiva Chalisha) का पाठ सदैव प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनकर ही करना चाहिए। सावन माह में शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करना अधिक फलदायी होता है।
Q : शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?
Ans : भगवान शिव जी का सबसे सरल और प्रिय मंत्र “ॐ नमः शिवाय” है। इसका अर्थ है कि “मैं अपने आराध्य भगवान शिव जी को नमन करता हूं।” इसके बाद भगवान शिव जी का दूसरा सबसे प्रिय मंत्र “महामृत्युंजय मंत्र” है। इस मंत्र का जाप प्रायः मृत्यु, शत्रु आदि किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
Q : शिव चालीसा कितना बार पढ़ना चाहिए?
Ans : शास्त्रों के अनुसार, शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ एक दिन में 3, 5, 11 या फिर 40 बार करना चाहिए। यह मान्यता है कि शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ लगातार 40 दिन तक करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Q : शिव चालीसा पढ़ने के क्या फायदे हैं?
Ans : शास्त्रों के अनुसार, शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से कई फायदे मिलते हैं। शिव चालीसा (Shiva Chalisa) का पाठ करने से होने वाले लाभ निम्नलिखित हैं :-
- मनुष्य को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
- मनुष्य के जीवन की सभी प्रकार की समस्याएं और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
- मनुष्य को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनका जीवन भी खुशहाल व्यतीत होता है।
- रोगी मनुष्य रोग मुक्त हो जाता है और मनुष्य की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं।
- मनुष्य की नशे की लत खत्म हो जाती है और तनाव से भी छुटकारा मिलता है।
- मन व शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है और न ही ग्रहों का दुष्प्रभाव पड़ता है।
- मनुष्य की व्यापार और नौकरी दोनों में उन्नति होती है।
- संतान के दायित्व की भी पूर्ति होती है।
Q : शिव चालीसा के रचयिता कौन है?
Ans : शिव चालीसा (Shiva Chalisa) को महर्षि वेद व्यास जी द्वारा रचित शिवपुराण, जिसमें भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना के विषय में स्पष्ट रूप से बताया गया है, से लिया गया है। शिव चालीसा (Shiva Chalisha) में भगवान शिव जी की भक्ति के महत्त्व और महिमाओं का बहुत ही सुंदर वर्णन है।
Q : क्या हम रोज शिव चालीसा पढ़ सकते हैं?
Ans : हाँ, आप रोज शिव चालीसा पढ़ सकते हैं। जो शिवभक्त शिव चालीसा (Shiva Chalisha) का पाठ नियमित रूप से प्रतिदिन करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं, जीवन कष्ट मुक्त हो जाता है और साथ ही भगवान शिव जी की कृपा और आशीर्वाद सदैव बना रहता है।
Q : सबसे शक्तिशाली चालीसा कौन सा है?
Ans : भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। इसमें 40 पंक्तियाँ हैं। यह हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों द्वारा की जाने वाली एक प्राथना है।