श्री दुर्गा आरती लिखित, पूजा विधि, पाठ के लाभ और श्री दुर्गा आरती पीडीएफ फ्री डाउनलोड
नमस्कार दोस्तों ! आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए श्री दुर्गा आरती पीडीएफ (Durga Aarti In Hindi PDF) लेकर आए हैं। भारतवर्ष एक धार्मिक त्योहारों का एक देश है, जहाँ सभी लोग मिलकर अनेक भगवानों की पूजा करते हैं। नवरात्रि भी उन त्योहारों में से एक है। नवरात्रि में लोग व्रत रखते हैं और अपने घरों में प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं। पूजा करते समय मां दुर्गा की आरती अवश्य करनी चाहिए। आरती करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती है और आपको अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
श्री दुर्गा आरती पीडीएफ (Durga Aarti In Hindi PDF) का डाउनलोड लिंक आपको पोस्ट में आगे दिया गया है, जहां से आप श्री दुर्गा आरती पीडीएफ (Durga Aarti In Hindi PDF) को मात्र एक क्लिक में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही पोस्ट में मां दुर्गा की आरती करने की विधि और इसका पाठ करने से मिलने वाले लाभों के बारे में भी स्पष्ट रूप से बताया गया है। इसलिए इस पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें।
श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti In Hindi)
माँ दुर्गा सुख, शांति और समृद्धि की देवी हैं। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। इसलिए इस त्योहार को शक्ति की उपासना का पर्व भी कहते हैं। नवरात्रि में लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। मां दुर्गा की पूजा करते समय श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करने से मां दुर्गा अत्यधिक प्रसन्न होती हैं और मनचाहा आशीर्वाद प्रदान करती हैं। मां दुर्गा के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी संकट दूर हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
मां दुर्गा की पूजा करने की विधि (Method Of Worshiping Maa Durga)
मां दुर्गा की पूजा करने के लिए आवश्यक सामग्री निम्नलिखित है:-
- मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर।
- दीया।
- गाय का घी।
- कपूर।
- सूंघनधित धूप।
- फूल और फूलों की माला।
- पूजा की थाली आदि।
श्री दुर्गा आरती करने की विधि (Method Of Performing Shri Durga Aarti)
श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) करने की विधि निम्नलिखित है :-
- सर्वप्रथम प्रातः काल स्नानादि कार्य करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें तथा पूजा-स्थल अथवा मंदिर की साफ- सफाई कर माँ दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें।
- इसके बाद माँ दुर्गा की मूर्ति को फूलों की माला पहनाएं और दीपक, घी, धूप, कपूर, फूल आदि सामग्री को पूजा की थाली मे रख लें।
- अब थाली में कपूर और गाय के घी का दीया जलाएं और थाली लेकर मां दुर्गा की मूर्ति के समक्ष खड़े हो जाएं।
- इसके उपरांत पूजा की थाली को मां दुर्गा के चारों ओर घुमाते हुए पूर्ण श्रद्धा के साथ श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करें।
- श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करते समय शंख और घंटी अवश्य बजाएं।
- श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) पूर्ण हो जाने के बाद पूजा की थाली को मां दुर्गा के चरणों में रख दें।
मां दुर्गा जी की आरती लिखित में (Maa Durga Aarti In Writing)
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।। ॐ जय अम्बे गौरी ।
दुर्गा आरती का पाठ करने के लाभ (Benefits of reciting Durga Aarti) :-
श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) में मां दुर्गा की शक्ति और महिमाओं का वर्णन किया गया है। श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करने से अनेक लाभ मिलते हैं। कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं :-
- श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करने से घर में सदैव सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) करते समय शंख और घंटी बजाने से उत्पन्न ध्वनि तथा धूप और दीए की रोशनी से घर के अंदर की सभी नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट हो जाती हैं।
- श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करने से व्यक्ति को आशा और प्रेरणा मिलती है, जिस कारण उनके मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करने से मन शांत और केंद्रित रहता है। जिससे हमारे मस्तिष्क को शांति मिलती है और मानसिक स्वास्थ्य भी उचित रहता है।
- पूर्ण श्रद्धा के साथ श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
श्री दुर्गा आरती पीडीएफ (Durga Aarti In Hindi PDF)
पीडीएफ का नाम / Name of PDF |
श्री दुर्गा आरती / Shree Durga Aarti |
पीडीएफ की भाषा / Language of PDF |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पीडीएफ का आकार / Size of PDF |
793 KB |
पीडीएफ में कुल पृष्ठ / Total Pages in PDF |
2 पृष्ठ |
श्री दुर्गा आरती पीडीएफ (Durga Aarti In Hindi PDF)
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निष्कर्ष :- मां दुर्गा की पूजा करते समय श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) करना आवश्यक होता है, ऐसा करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद और कृपा दृष्टि हमेशा आप पर बनाए रखती हैं।
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FAQs : Frequently Asked Questions
Q : दुर्गा जी को क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
Ans : मां दुर्गा पर कनेर, धतूरा और मदार के पुष्प को भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए, इनके अलावा आप गुड़हल, कमल, गुलाब और गेंदा के फूल की मां दुर्गा को अर्पित कर सकते हैं। नवरात्रि में पूजन में अक्षत के लिए चावल के टूटे हुए दानों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
Q : मां दुर्गा को कौन से फल चढ़ाएं?
Ans : मां दुर्गा को आप शरीफा फल अर्पित कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। इससे वह अत्यंत प्रसन्न होती हैं। नवमी वाले दिन आप मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए संतरे का भोग लगा सकते हैं।
Q : माता का प्रिय भोग क्या है?
Ans : माता को नारियल का भोग अत्यधिक प्रिय होता है। अतः व्रत के दौरान नारियल का दान करना बहुत ही शुभ मानते हैं। नारियल का दान करने से व्यक्ति को संतान के दायित्व की पूर्ति होती है।
Q : मां दुर्गा को बुलाने का मंत्र क्या है?
Ans : मां दुर्गा को बुलाने का एक सरल और प्रभावी मंत्र निम्नलिखित है :-
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Q : मां दुर्गा को क्या पसंद है?
Ans : मां दुर्गा को नारियल का भोग अत्यधिक प्रिय होता है, इसलिए व्रत के दौरान नारियल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को संतान के दायित्व की पूर्ति होती है।
Q : क्या हम दुर्गा की मूर्ति घर में रख सकते हैं?
Ans : हां, आप मां दुर्गा की मूर्ति को अपने घर में रख सकते हैं। मां दुर्गा की मूर्ति को घर में रखने से घर में सदैव सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। मां दुर्गा की मूर्ति को घर में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके, पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में ही रखनी चाहिए।