महा लक्ष्मी स्तोत्रम पीडीएफ, पाठ-विधि, लाभ
नमस्कार दोस्तों ! हम अपने आज के इस लेख में आपके लिए महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ (Mahalaxmi Stotram PDF) लेकर आए हैं। महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का एक अद्भुत और उत्तम उपाय है। इसका पाठ मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों के द्वारा किया जाता है। महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) का नियमित पाठ करने से मां लक्ष्मी जी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बरसाती हैं। मां लक्ष्मी जी की कृपा हो जाने से घर में धन, वैभव और समृद्धि आती है।
महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ (Mahalaxmi Stotram PDF) डाउनलोड करने का डायरेक्ट लिंक आपको लेख में आगे दिया गया है, जहां से आप महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ (M ahalaxmi Stotram PDF) को डायरेक्ट एक क्लिक में आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।
महालक्ष्मी स्त्रोतम क्या है (What is Mahalaxmi Stotram)
हमारे शास्त्रों में आर्थिक तंगी, गरीबी, धन की कमी एवं पैसों से संबंधित अन्य मुश्किलों को दूर करने के लिए कई उपायों का वर्णन किया गया है। इन उपायों की सहायता से कोई भी दरिद्र व्यक्ति धन और दरिद्रता जैसी समस्याओं से सरलता से छुटकारा पा सकता है। धन की प्राप्ति के लिए धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना चाहिए। मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए उनकी स्तुति करनी चाहिए, उनकी स्तुति के लिए शुक्रवार का दिन सबसे अधिक शुभ माना जाता है। अतः मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न शुक्रवार के दिन पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) का पाठ करना चाहिए।
एक समय की बात है कि स्वर्ग लोक एक श्राप के धन, वैभव और समृद्धि आदि की समस्या से जूझ रहा था तो देवराज इंद्र ने मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) की रचना की थी। इस स्त्रोतम में देवराज इंद्र जी ने मां लक्ष्मी जी के स्वरूप की प्रशंसा और वर्णन किया गया है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जो व्यक्ति महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) का पाठ दिन में एक बार भी करता है, उसे अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। जो व्यक्ति दिन में दो बार इस महालक्ष्मी स्त्रोतम का पाठ करता है, उसे धन-वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त, जो व्यक्ति इस महालक्ष्मी स्त्रोतम का पाठ दिन में तीन बार करता है उस पर मां लक्ष्मी जी की कृपा-दृष्टि सदैव बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सबसे अधिक महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) का पाठ वैदिक धर्म के अनुयायियों द्वारा किया जाता है।
महालक्ष्मी स्त्रोतम पाठ विधि (Mahalaxmi Stotram Recitation Method)
महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) पाठ करने की विधि निम्नलिखित है :-
- महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) पाठ करने के लिए पहले स्नान आदि कार्यों से निवृत्त हो स्वच्छ कपड़े पहन लें।
- इसके बाद मां लक्ष्मी जी का ध्यान कर उनकी पूजा करें।
- मां लक्ष्मी जी की पूजा करते समय उन्हें लाल रंग का पुष्प (गुलाब या कमल ), अक्षत, माला, सुपारी, नारियल, बताशा, फल, पान, कुमकुम, सिंदूर, धूप, दीप आदि श्रद्धापूर्वक अर्पित करें।
- इसके बाद मां लक्ष्मी जी को दूध से बनी हुई सफेद मिठाई या फिर खीर का भोग लगाएं।
- मां लक्ष्मी जी को भोग लगाने के बाद धूप और दीप प्रज्ज्वलित कर पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) का पाठ आरंभ करें।
- महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) पाठ समाप्त हो जाने के बाद प्रसाद का वितरण करें।
महालक्ष्मी स्त्रोतम पाठ के लाभ (Benefits Of Reciting Mahalaxmi Stotram)
शास्त्रों में महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) के अनेक लाभ बताए गए हैं जिनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं :-
- महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) पाठ करने से घर में सदा समृद्धि आती है।
- इसका पाठ करने से व्यक्ति को धन-वैभव की प्राप्ति होती है।
- इसके पाठ से मां लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है और उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- इसका पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में दुर्भाग्य और दुःख से छुटकारा मिल जाता है।
- महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) के पाठ मात्र से ही मनुष्य के सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं।
- इसका पाठ करने से व्यक्ति का मन भय मुक्त हो जाता है और मन को शांति की प्राप्ति होती है।
- इसके पाठ द्वारा व्यक्ति को सदैव जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है।
महालक्ष्मी स्तोत्र हिंदी में लिखित (Mahalaxmi Stotram In Hindi)
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।
महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ (Maha Laxmi Stotram PDF Download Free)
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पीडीएफ का नाम / Name of PDF |
महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ / Mahalaxmi Stotram PDF |
पीडीएफ की भाषा / Language of PDF |
हिंदी / Hindi |
फाइल प्रारूप / File Format |
पीडीएफ / PDF |
पीडीएफ का आकार / Size of PDF |
802 KB |
पीडीएफ में कुल पृष्ठ / Total Pages in PDF |
3 पृष्ठ |
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निष्कर्ष :- महालक्ष्मी स्त्रोतम (Mahalaxmi Stotram) धन की देवी मां लक्ष्मी जी को समर्पित एक प्रमुख स्त्रोत है। इसका पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में सदैव सफलता की प्राप्ति होती है, धन-धान्य की कमी महसूस नहीं होती है और मां लक्ष्मी जी के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ (Mahalaxmi Stotram PDF) का यदि डाउनलोड लिंक ठीक प्रकार से सही कार्य नहीं कर रहा है या फिर महालक्ष्मी स्त्रोतम पीडीएफ (Mahalaxmi Stotram PDF) डाउनलोड करने में आपको कोई और परेशानी आ रही हो तो आप कमेंट द्वारा हमें बता सकते हैं। साथ ही यदि आपको अन्य किसी पीडीएफ की भी जरूरत है तो आप कमेंट द्वारा या फिर कांटेक्ट पेज के द्वारा हमें बता सकते हैं।
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